शनिवार, 18 सितंबर 2010

अपना ख्याल रखना..

एक रिश्ता किसी की जिन्दगी से तो बड़ा नहीं हो सकता..
तुम्हारे साथ बिताये खुबसूरत पल हमेशा याद रहेंगे..
वादा करो की अब सिगरेट नहीं पियोगे
दवा की डिबिया तुम्हारी आलमारी के ऊपर रक्खी है..
समय पर दवाई लेते रहना..
वो सफ़ेद शर्ट की पाकेट पर इंक लगे कपड़े बदल देना..
कुछ दिनों बाद सब ठीक हो जाएगा..

वैसे भी दुनिया आज कल बहुत छोटी हो गयी है..
मोबाइल इन्टरनेट ईमेल ब्लॉग...
टच मे तो रहेंगे ही हम....
शायद कभी वक़्त ने चाहा,
तो घडी की सुई उलटी घूमे....
हमारी फिर कही मुलाकात हो..
हम फिर अजनबी हो जाएँ..
तब सब ठीक हो जाएगा..
ये जाते वक़्त रोना ठीक नहीं होता है..
अपना ख्याल रखना..
हो सके तो तब तक के लिये,
मुझे भूल जाना...
अपना ख्याल रखना.......



"आशुतोष नाथ तिवारी"

2 टिप्‍पणियां:

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