ब्यथित हृदय की विकल कथायें,
ब्यथित हृदय की विकल कथायें,
धूमिल नयनो की आशायें,
विकल रागिनी की विणायें,
कहा सुने हम,किसे सुनायें..
विस्मृत स्मृतियों की आवाजे,
हृदय पुष्प पर दस्तक देती,
मेरे जीवन मे आ जाए..
स्मृति के इन शेषों को,
जीवन के इन अवशेषों को..
कैसे भूले कहा भुलाये..
ब्यथित हृदय की विकल कथायें …
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रिश्तो का विश्वास????
कभी कभी जब दर्द का होता है एहसास,
तो पलकों को लगती है प्यास..
आंखे पलकों से अपने रिश्तो को निभाने को,
गिराती है आँसुओ की कुछ बूंदे…
शायद बुझ सके पलकों की प्यास..
मगर रेत मे गिरी कुछ बूंदों की तरह..
पलके कर लेती है आँसुओ को आत्मसात..
फिर भी नहीं बुझती पलकों की प्यास.
आँखों से पलकों के रिश्तो मे आ जाता है अविश्वास..
मगर फिर भी पलके झपकती है
आँसुओ के कुछ मोती ढलकते है
क्या यही है रिश्तो का
विश्वास????
क्या यही है रिश्तो का
विश्वास????
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